NPS-OPS Pension Update : सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन और रिटायरमेंट से जुड़े नियमों में कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं, जिनका सीधा असर लाखों सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा। इन नए नियमों में पेंशन स्कीम, रिटायरमेंट की उम्र और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) से जुड़े प्रावधान शामिल हैं।
इन बदलावों का मुख्य मकसद सरकारी कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा करना और उन्हें बेहतर सामाजिक सुरक्षा देना है। इसके साथ ही, सरकार चाहती है कि पेंशन व्यवस्था आर्थिक रूप से मजबूत रहे और भविष्य में इसके बोझ को कम किया जा सके। चलिए, इन नए नियमों के बारे में और विस्तार से जानते हैं।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS): NPS और OPS का कॉम्बिनेशन
सरकार ने एक नई पेंशन योजना ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (UPS) लॉन्च की है। ये योजना पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) का एक बेहतरीन मिश्रण है। UPS की खास बातें इस तरह हैं:
- कर्मचारियों को उनके आखिरी 12 महीनों के औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
- यह लाभ पाने के लिए कम से कम 25 साल की सेवा पूरी करनी होगी।
- पेंशन राशि महंगाई के साथ बढ़ती रहेगी।
- अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को 60% फैमिली पेंशन मिलेगी।
- न्यूनतम 10 साल की सेवा पर 10,000 रुपये की मासिक पेंशन सुनिश्चित की जाएगी।
- कर्मचारी अपने वेतन का 10% योगदान देंगे, जबकि सरकार 18.5% का योगदान करेगी।
UPS 1 अप्रैल 2025 से लागू होने जा रही है, जिससे लगभग 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में भी कुछ अहम बदलाव किए गए हैं:
- कर्मचारियों का योगदान 10% पर ही रहेगा।
- NPS खाते में जमा राशि पर टैक्स छूट मिलती रहेगी।
- रिटायरमेंट के समय 60% राशि एक बार में निकालने की अनुमति होगी।
- बाकी 40% से अनिवार्य एन्युइटी खरीदनी पड़ेगी।
NPS अब भी एक विकल्प के रूप में उपलब्ध रहेगा। कर्मचारी UPS या NPS में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं।
रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का सुझाव
सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का सुझाव दिया है:
- वर्तमान रिटायरमेंट उम्र 60 साल से बढ़ाकर 62 साल करने की योजना है
- इससे अनुभवी कर्मचारियों को फायदा होगा और पेंशन का बोझ कम होगा
- कुछ विभागों में पहले से ही 62 साल की रिटायरमेंट उम्र है
- यह सुझाव अभी विचाराधीन है, अंतिम निर्णय आना बाकी है
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के नए नियम
VRS यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के नियमों में भी बदलाव किए गए हैं:
- अब 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद VRS लिया जा सकता है
- पहले यह सीमा 30 साल थी
- VRS लेने वालों को पेंशन का लाभ मिलेगा
- लेकिन पेंशन राशि सेवा के अनुपात में कम होगी
- VRS लेने वालों को ग्रेच्युटी और अन्य लाभ भी मिलेंगे
मिनिमम पेंशन की गारंटी
सरकार ने न्यूनतम पेंशन राशि तय करने का निर्णय लिया है:
- 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को 10,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी
- यह राशि महंगाई के अनुसार समय-समय पर बढ़ाई जाएगी
- यह नियम UPS और NPS दोनों में लागू होगा
फैमिली पेंशन में सुधार
- अब कर्मचारी की पेंशन का 60% फैमिली पेंशन के रूप में दिया जाएगा
- पहले यह 30% से 50% के बीच था
- यह लाभ जीवनभर जारी रहेगा
- विधवा/विधुर, नाबालिग बच्चे और विकलांग बच्चों को फैमिली पेंशन मिलेगी
एकमुश्त राशि का प्रावधान
कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि देने का नया नियम लागू किया गया है:
- हर 6 महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% एकमुश्त मिलेगा
- यह राशि ग्रेच्युटी के अलावा होगी
- 30 साल की सेवा पर लगभग 6 महीने के वेतन के बराबर राशि मिलेगी
- इससे रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी
पुराने कर्मचारियों के लिए विकल्प
2004 के बाद सेवा में आए कर्मचारियों के लिए भी विकल्प उपलब्ध हैं:
- NPS में शामिल कर्मचारी UPS में स्थानांतरित हो सकते हैं
- इसके लिए बकाया राशि जमा करनी होगी
- पहले से रिटायर हो चुके कर्मचारी भी UPS का लाभ उठा सकते हैं
- इसके लिए सरकार 800 करोड़ रुपये का प्रावधान करेगी
राज्य सरकारों के लिए एक मॉडल
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के लिए एक नया मॉडल बनाया है:
- राज्य सरकारें UPS को अपना सकती हैं
- इससे राज्य के कर्मचारियों को भी फायदा होगा
- कुछ राज्यों ने पहले से OPS लागू किया है
- अन्य राज्य UPS को अपना सकते हैं
नए नियमों का असर
इन नए नियमों का सरकारी कर्मचारियों और सरकार पर असर होगा:
- कर्मचारियों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा मिलेगी
- पेंशन व्यवस्था आर्थिक रूप से मजबूत होगी
- सरकार पर पेंशन का बोझ कम होगा
- कर्मचारियों में संतोष बढ़ेगा
- सरकारी नौकरियों की लोकप्रियता बढ़ेगी
भविष्य की योजनाएं
सरकार ने बताया है कि आने वाले समय में और सुधार किए जाएंगे:
- पेंशन व्यवस्था की नियमित जांच की जाएगी
- कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान दिया जाएगा
- पेंशन फंड के निवेश नियमों में बदलाव हो सकता है
- डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए पेंशन वितरण को सरल बनाया जाएगा
अस्वीकृति: यह लेख सरकार द्वारा घोषित नीतियों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। हालांकि, इन नियमों के कुछ पहलू अभी प्रस्तावित हैं और इनमें बदलाव संभव है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम और आधिकारिक जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट या संबंधित विभागों से संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है और इसे कानूनी या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।